《Short & Sweet》क्यों ऐसा ह

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क्यों ऐसा ह ,की कामियाबी कोशिश बिना अधूरी

क्यों ऐसा ह ,की यह धरती बारिश बिना ना पूरी

क्यों ऐसा ह ,की आकाश बादल बिन ह सूना

क्यों ऐसा ह ,की चाँद को सितारे करे पूरा

क्यों तालियां एक हाथ से नहीं बजती

क्यों सासे हवा बिन नहीं चलती

क्यों ऐसा ह ,की दिन को ज़रूरत ह रात की

क्यों ऐसा ह ,की इंसान को ज़रूरत ह जस्बात की

क्यों सबको करता ह कुछ न कुछ पूरा

फिर क्यों मुझे लगे सब कुछ अधूरा

क्यों ऐसा ह ,की यह धरती बारिश बिना ना पूरी

क्यों ऐसा ह ,की मैं तुम बिन अधूरी |

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